मैं लखनऊ अदब का शहर मेरा वजूद खतरे में है

ये आवाज़ लखनऊ की है उस शहर की जिसको लोग अदब और नफासत का शहर कहते हैं पूरी दुनिया मैं जो शहर अपने अदब के लिए मशहूर था आज वो शहर अपना वजूद खोता जा रहा है और इसके ज़िम्मेदार वो लोग है जो इस शहर मैं दुसरे शहरों से आकार बस गए हैं जिनका अदब से कोई से कोई वास्ता नही है और दुसरे लखनऊ के टेक्सी ड्राईवर है जो सरे आम गालियों मे गुफ्तुगो करते है जिनको इस से मतलब नही रहता है की आस पास कौन है कौन नही बस उनको तो बस अपनी ही भाषा मे बात करना आता है मेरी इस शहर के लोगो से गुज़ारिश है के वो कुछ इस शहर के लिए करें ये शहर अपनी पहचान है

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